Happy to Help!
Click to Start Chat
कभी यह विचार किया है कि आपके वाहन का निष्पादन समय के साथ कम क्यों हो जाता है? ऐसा जमाव होने के कारण होता है। पेट्रोल इंजन के विपरीत, डीजल इंजन गर्म कम्प्रेस्ड हवा में डीजल ईंधन को इंजेक्ट करने पर निर्भर है क्योंकि डीजल अधिक तापमान के कारण जलता है। ईंधन को पूरी तरह से जलाने के लिए, ईंधन इंजेक्टर के लिए ईंधन को फाइन मिस्ट में परिवर्तित करके कम्बस्चन चेम्बर में समान रूप से विस्तारित करना पड़ता है। इससे पम्प में समय के साथ अत्यधिक घिसाव होता है और इंजेक्टर्स पर जमाव बनना शुरू हो जाता है। जिससे, डीज़ल का प्रवाह प्रभावित होता है और मिस्ट में ईंधन के ड्रोप्लेट्स असमान आकार के हो जाते हैं ये असमान ढंग से ही विस्तारित हो जाते हैं। इससे न केवल कम्बस्चन अधूरा होता है अपितु जमाव भी बढ़ जाता है। स्वाभाविक है कि वाहन का पावर और एक्सिलरेशन भी इससे प्रभावित होती है और अधिक डीज़ल उपयोग होता है। ऐसे जमाव काफी अधिक नुकसान करते हैं और इनके कारण :
इंजेक्टर ओपनिंग में अवरोध उत्पन्न होता है
ईंधन स्प्रे पैटर्न की क्षति
अस्थिर आइडलिंग
अस्थिर आइडलिंग
टॉर्क एवं पावर की हानि
कम माइलेज
अधिक उत्सर्जन
अधिक परिचालन / रखरखाव खर्च
इन समस्याओं का समाधान टर्बोजेट है, जो कि एक ऐसा परिवर्तनकारी डीजल है जो आपके वाहन को अधिकाधिक निष्पादन देने के लिए सक्रिय करता है। टर्बोजेट जमाव को रोकने और डीजल इंजनों की अन्य समस्याओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। वस्तुत: टर्बोजेट केवल पहले से ही जमा जमाव को समाप्त करने के साथ साथ नए जमाव को होने नहीं देता है। इससे आपका वाहन जमाव से सदैव मुक्त रहता है और इंजन की कार्यक्षमता बेहतरीन हो जाती है। केवल टर्बोजेट के एक या दो टैंक फिल करने के बाद ही इसका प्रभाव आपको दिखाई देने लगेगा। ऐसा इसलिए है कि वर्तमान जमाव को पूरी तरह से साफ होने में थोड़ा समय लग सकता है। लेकिन एक बात तो पक्की है कि टर्बोजेट के निरंतर उपयोग से आपके वाहन की कार्यक्षमता में सुधार अवश्य आएगा।
एचपीसीएल द्वारा विपणन किए जाने वाले टर्बोजेट में उपयोग किए जाने वाले एडिटिव्स का विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया है।
टर्बोजेट क्या है
टर्बोजेट एक नई जनरेशन का डीजल है, जिसमें आपके वाहन को ठीक रखने के लिए मल्टी फंक्शनल डीजल एडिटिव्स होते हैं जिससे बेहतर निष्पादन, अधिक माइलेज, आसान ऐक्सेलरेशन और कम उत्सर्जन होता है।